GANGOTRI DHAM भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी ज़िले में स्थित है। यह उत्तराखंड के चारों धाम श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री,और यमनोत्री में से एक धाम है। यह स्थान गंगोत्री नदी का उद्गम स्थल है जो हिमालय के गौरीखंड पर्वत में स्थित है।यह मंदिर भागीरथी नदी के उपर स्थित है जो कि समुद्र तल से 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
यह स्थान धार्मिक महत्व के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है की गंगोत्री धाम चारों धामों मे से सबसे सुन्दर और आकर्षित धाम हैं। यहाँ का सफ़र आपको अलग ही दुनिया से मिलाएगा। गंगोत्री धाम आते ही आपको स्वर्ग की अनुभूति होने लगेगी।
ये मंदिर देवी गंगा को समर्पित है। गंगा नदी दुनिया की सबसे लम्बी और पवित्र नदियों में से एक मानी जाती है।
Importance of gangotri dham
हिन्दू धर्म में चारों धामों का अपना अलग ही विशेष महत्त्व है। उन्ही में से एक गंगोत्री धाम भी है। पौराणिक मान्यताओ के अनुसार माँ गंगा का जिस स्थान पर अवतरण हुआ था उसी स्थान को गंगोत्री धाम के नाम से जाना जाता है। इसीलिए हे गंगोत्री धाम को हिन्दुओं का एक पवित्र तीर्थ स्थल भी माना जाता है।
गंगोत्री मंदिर की विषेशता के बारे में कहे तो इस मंदिर से थोड़ी दुरी में ही गौरी कुंड और केदार कुंड भी है। मंदिर से करीब 19 किलोमीटर की दुरी पर गौमुख स्थित है, जो की भारत की पवित्र नदी माँ गंगा का उद्गम स्थित है। यह वह िस्थान है जहाँ से गंगा सबसे पहले निकलती है।
gangotri dham ke darshan
(OPENING AND CLOSING TIME):
माँ गंगा जी का यह मंदिर अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर खुलता है , जो कि मई के महीने में आती है ,और यम द्वितीया यानि भाई दूज पर बंद हो जाते है। जो नवंबर के महीने में आती है।
यह धाम भी बाकि धामों की तरह 6 महीनो के लिए बंद रहता हैं।
गंगोत्री धाम को मानसून से बचने के लिए मई से नवंबर तक खुला रहता है। यहां पर ट्रेकिंग, हाइकिंग, और पर्वतारोहण जैसे कई एडवेंचर आकर्षण भी हैं।
गंगोत्री धाम में माता गंगा के मंदिर भी हैं, जहां आप दीप जला सकते हैं और पूजा कर सकते हैं। इस स्थान के आसपास कई तीर्थस्थल हैं जैसे जानकी चट्ट, सुदर्शन पर्वत आदि।
history oF gangotri dham
कहा जाता है की यह मंदिर 18 वीं शताब्दी में गोरखा के जनरल अमर सिंह थापा ने बनवाया था। यह मंदिर सफ़ेद ग्रेनाइट की चमकदार पत्थरो से बना हुआ है। इसकी सुंदरता हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है।
एक कथा के अनुसार पृथ्वी पर एक महान प्रतापी राजा थे उनका नाम राजा सगर था। जिनके 60 हज़ार पुत्र थे। जिनके सभी पुत्र बड़े बलशाली और पराकर्मी थे। एक बार कपिल मुनि से श्रापित होने के कारन राजा सगर के 60 हज़ार पुत्रो की मृत्यु हो गयी। इसी श्राप से मुक्ति पाने के लिए राजा सगर ने शिव जी की घोर तपष्या की। उनकी तपस्या से उन्हें गंगा को पृथ्वी पर लाने का पुन्य प्राप्त हुआ। जिससे राजा सगर के सभी पुत्रो का उद्धार हुआ।
GANGOTRI NEARBY PLACES
Bhojbasa आप गंगोत्री से 14 किलोमीटर का ट्रेक करके पहुंच सकते है। यह बहुत ही प्यारी जगह है जो की समुंद्री तट से 3 ,775 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। bhojbasa के अलावा आप Gangnani भी जा सख्ते है जो कि उत्तरकाशी से 46 किलोमीटर की दुरी पर गंगोत्री वाले रास्ते पर ही स्थित है। यह एक बेहद प्यार छोटा सा गाँव है जो कि चारों तरफ से पहाड़ो से घिरा हुआ हैं। यहाँ पहुंच के आपको अलग ही शांति प्रतीत होगी।
GANGOTRI KAISE PAHUCHE
गंगोत्री आप किसी भी तरह से जा सकते है जैसे कि Via Air, Via Bus, Via Train
via air
गंगोत्री से निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा हैं। जो कि उत्तरकाशी से लगभग 200 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। देहरादून से आप फिर गंगोत्री के लिए बस टैक्सी ले सकते है।
via bus
गंगोत्री आप बस से भी जा सकते है। गंगोत्री जाने को आपको बस देहरादून या फिर हरिद्वार से मिलेगी। ऋषिकेश से आप फिर गंगोत्री के लिए बस टैक्सी ले सकते है।
via train
उत्तरकाशी से सबसे पास रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है जो की लगभग 100 किलोमीटर की दुरी पर है।
CONCLUSION
इस ब्लॉग के माध्यम से हमने गंगोत्री धाम के बारे में जाना तथा इसकी यात्रा हम किस प्रकार कर सकते इसके बारे में विस्तार से जाना। तथा गगोत्री के आस पास वाली जगह को भी जाना और पढ़ा।
हमें उम्मीद है कि आपको यह लेख जिससे आपको गंगोत्री के बारे में जानकारी प्राप्त हुई पसंद आया होगा।