BHUMIYA MANDIR | भूमिया मंदिर

Bhumiya mandir image

हम यहाँ अल्मोड़ा के BHUMIYA MANDIR के बारे में जानेगे, Uttarakhand के अल्मोड़ा जिले के मासी क्षेत्र में स्थित है, हर किसी को आकर्षित करने के लिए इसकी सुंदरता ही काफी है।

उत्तराखंड में वैसे तो कई अलग-अलग प्रकार के देवी देवताओं की पूजा की जाती है, कहा जाता है कि यहां 33 कोटि देवी देवता निवास करते हैं हालांकि इस 33 कोटि शब्द को लेकर भी मतभेद हैं।

कई लोग इसे 33 करोड़ बोलते हैं तो कहीं कहा जाता है कि कोटि शब्द का अर्थ है, प्रकार यानी कि हिंदू के 33 प्रकार के देवी देवता जिनके नाम इस प्रकार हैं – 8 वसु ,11 रुद्रा ,12 आदित्य ,1 इंद्र व 1 प्रजापति कोटि शब्द को ही बोलचाल की भाषा में कर्म में बदला गया और इसलिए मान्यता प्रचलित हो गई कि कुल 33 करोड़ देवी देवता हैं। और इन्हीं देवताओं मैं से एक देवता है भूमिया देवता।

भूमिया देवता के नाम

भूमिया देवता को भूमि का देवता माना जाता है। जिन्हें जिमदार, भूमिया देवता व क्षेत्रपाल 3 नामों से जाना जाता है ,भूमिया देवता को भूमि का स्वामी ,गांव का रक्षक ,पशु तथा खेती की रक्षा करने वाले ग्राम देवता के रूप में पूजा जाता है।

उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर भूमिया देवता को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे पौड़ी गढ़वाल में इन्हें कंडोलिया देवता मासी चौखुटिया में बाबा और जागेश्वर में झांकर सैम के रूप में पूजा जाता है।

HISTORY OF BHUMIYA MANDIR

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में भूमिया देवता का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो कि एक पौराणिक मंदिर है। पहाड़ों में कहा जाता है कि 16वीं शताब्दी के आसपास जब पहाड़ों में तांत्रिकों का प्रभाव बहुत अधिक बढ़ गया था तब मासी मेरा मंगल नदी के तट पर एक ज्योतिपुंज का दर्शन हुआ जिसके बाद वहां पर एक मंदिर का निर्माण किया गया और उस स्थान पर भूमिया देवता की पूजा प्रारंभ हुई कहते हैं।

मासी का भूमिया देवता मंदिर

तब लोगों को तांत्रिको के प्रभाव से मुक्त होने में मदद मिली इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जो भी अपनी मनोकामना लेकर वहां पर जाता है। उसकी मनोकामना निश्चित ही पूरी होती है।

नौ चढ़ाना (नई फसल चढ़ाना) – इस मंदिर में स्थानीय काश्तकार अपनी फसल पकने के बाद अपनी फसल की बालियां और नई फसल से तैयार पकवान भी भूमिया देवता को चढ़ाते हैं। आपको यह भी बता दें कि उत्तराखंड में भूमिया देवता के मंदिर लगभग सभी गांव में है जिन्हें रक्षक देवता के रूप में माना जाता है। इसी वजह से इन्हें क्षेत्रपाल भी कहा जाता है।

BHUMIYA-MANDIR

भूमिया देवता की पूजा

भूमिया देवता की पूजा एक प्राकृतिक लिंग के रूप में की जाती है। कई जगहों पर भूमिया देवता के जागर भी आयोजित किए जाते हैं भूमिया देवता को चढ़ने वाला प्रसाद हलवाई मंदिर में बनाया जाता है। और मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को यह प्रसाद दिया जाता है।

यह मंदिर दिल्ली से लगभग 350 किलोमीटर दूर, रामनगर से 100 किलोमीटर दूर ,और चौखुटिया से 13 किलोमीटर दूर मासी के रामगंगा नदी के तट पर स्थित हैं। यह एक प्राचीन मंदिर है ,जो की बहुत ही सुंदर दिव्य और भव्य मंदिर है। अपनी आकर्षिता को लिए हुए यह मंदिर हर किसी का मन मोह लेता है कहा जाता है कि कन्नौज (उत्तर प्रदेश) से कण्व ऋषि आश्रम से कुछ यात्री जब प्राचीन काल में बद्रीनाथ जी के दर्शन के लिए आए थे।तो यहां की सुंदरता को देखते हुए यही राम गंगा नदी के तट पर अपना पड़ाव डालकर यही के निवासी हो गए। और यही लोग बाद में आगे चलकर मासी गांव में रहकर मासीवाल कहलाने लगे और धीरे-धीरे करके Bhumiya Mandir की स्थापना की और तभी से भूमिया देव यहां पूरे क्षेत्र के रक्षक हैं।

यहां की बहन बेटियां शादी के बाद यहां पर बधाई देने Bhumiya Mandir में आती है। और भूमिया बाबा का आशीर्वाद लेती है और किसी भी प्रकार की उनको भूत-प्रेत आदि की कोई भी परेशानी होती है तो यहां पर आ करके वह भी दूर हो जाती है।

इस मंदिर के अंदर और भी देवी देवताओं के मंदिर हैं जैसे माता का मंदिर , गणेश जी का मंदिर , शिव जी का मंदिर , शनिदेव का मंदिर, बजरंगबली का मंदिर राधा कृष्ण जी का मंदिर, और भी छोटे-छोटे मंदिर बने हैं।

Bhumiya mandir image

इस BHUMIYA MANDIR की भव्यता को देखते हुए चलें तो इसको बहुत ही सुंदर ढंग से सजाया गया है। यहां पर एक लाइब्रेरी भी है जिसमें सभी प्रकार की धार्मिक पुस्तकें रखी हुई हैं। मनोकामना पूरी होने पर लोग यहां पर घंटियां भी चढ़ाते हैं। यहां पर देवी भागवत शिव पुराण आदि की कथाएं भी कराई जाती हैं।

Bhumiya-mandir-river-view

CONCLUSION

यह BHUMIYA MANDIR सभी की मनोकामना को पूर्ण करने वाला इच्छाओं को पूर्ण करने वाला और रोगों को हरने वाला, मानसिक शांति प्रदान करने वाला है। और इस मंदिर के अध्यक्ष महोदय श्री रामस्वरूप मासीवाल जी हैं जो अपने पूरे तन मन धन से इस मंदिर की सेवा में लगे हुए हैं और इसी के साथ ही –

सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मां कश्चित् दुख भाग भवेत्।

1 thought on “BHUMIYA MANDIR | भूमिया मंदिर”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
Best Time to Visit Uttarakhand dehradun आये हो तो यहाँ जरूर जाना 🗺️ Kawad Yatra 2024 के नियम Rishikesh आओ तो यहाँ जरूर जाना (रहस्य्मयी जगहे) Top Universities in Uttarakhand – Certified by NAAC Ranking Uttarakhand का स्वर्ग (पहाड़ो की रानी) Uttarakhand: राज्य में जल्द होगी 1000 अतिथि शिक्षकों की भर्ती। आसमान की ऊंचाइयों को छूता कार्तिक भगवान का मंदिर (अभी देखें) क्या आप Uttarakhand के बारे में ये जानते हैं? क्या आप रक्षाबंधन का महत्त्व जानते हैं? अभी जाने 👉