आज हम जानेंगे Top 10 Hill Stations In Uttarakhand के बारे में जहां आप पूरे साल कभी भी आ जा सकते हैं। यहां हमेशा ही आपको सैलानियों की भीड़ देखने को मिल जाएगी।
वैसे तो Uttarakhand राज्य बेहद खूबसूरत है और उनमें से कुछ खास जगह के बारे में आज हम आपको इस blog के सहारे बताएंगे। Uttarakhand दो भागों में बांटा है एक है गढ़वाल मंडल दूसरा है कुमाऊं मंडल।
Uttarakhand में पंच प्रयाग, सप्त बद्री, और पंच केदार की यात्राएं भी की जाती है इन यात्राओं को करने के लिए दूर-दूर से tourist Uttarakhand आते हैं। और अगर आप Uttarakhand में आ रहे हैं आपको इन जगह अवश्य जाना चाहिए।
Top 10 Hill Stations In Uttarakhand
जब भी आप उत्तराखंड आते हैं तो उत्तराखंड में घूमने की सबसे अच्छी जगह के बारे में जरूर जानना चाहते हैं होंगे और उत्तराखंड बहुत सारी जगह है जहां पर आप अपनी छुट्टियां कर सकते हैं।
यहां पर हमने आपको Top 10 Hill Stations In Uttarakhand के बारे में बताया है और उत्तराखंड की सबसे अच्छी घूमने की जगह का विवरण दिया है।
इनमें से कुछ जगहों पर आप tracking करके जा सकते हैं तथा कुछ जगहों पर आप direct जा सकते हैं और अपनी vacations enjoy कर सकते हैं।
Almora (अल्मोड़ा)
यह Uttarakhand के सबसे खूबसूरत जिलों में से एक है। यह न केवल Uttarakhand का खूबसूरत जिला है बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को लेकर भी देश दुनिया में प्रसिद्ध है। अल्मोड़ा शहर को प्राचीन समय में आलवनगर के नाम से जाना जाता था।
Almora जिला पहले आकार में बड़ा हुआ करता था अभी के समय में पिथौरागढ़ जिला और बागेश्वर जिला है उनको अलग जिला घोषित कर दिया गया है परंतु पहले वह अल्मोड़ा जिले के अंतर्गत ही आते थे। साल 1891 तक Almora जिला भी नैनीताल में ही शामिल था, और 1891 में Almora को नैनीताल से अलग कर दिया गया था और Almora को एक जिला घोषित कर दिया गया था।
Almora के मिठाइयों की बात की जाए तो यहां की बाल मिठाई बहुत ही ज्यादा पसंद है। अगर आप अल्मोड़ा घूमने आ रहे हैं तो यहां के प्रसिद्ध प्राचीन मंदिरों का दर्शन अवश्य करें। यहां बहुत से ऐसे पुराने मंदिर हैं जैसे कसार देवी , नंदा देवी, जागेश्वर, चितई गोलू देवता का मंदिर जहां आप दर्शन करने जा सकते हैं। जहां पूरे देश भर से लोग दर्शन करने आते हैं।
Almora अपने सांस्कृतिक विरासत स्थलों, हस्तशिल्प, सुस्वाद भोजन और उत्तम वन्य जीवन के लिए काफी लोकप्रिय है।
Nanital (नैनीताल)
Nanital, Uttarakhand के कुमाऊं मंडल में स्थित है, और यह बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। इसे झीलों के शहर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां बहुत सी प्रकृति झीले हैं।
यहां से आप भीमताल, नोकुचिया ताल, कैंची धाम, हल्द्वानी आदि देखने के लिए जा सकते हैं, यह सारी ही जगह Nanital से बहुत पास पड़ती है। अगर आप नैनीताल घूमने आ रहे हैं तो आप इन जगह भी जा सकते हैं। वैसे तो नैनीताल में सैलानियों की भीड़ लगी ही रहती है।
अगर आप Nanital घूमने जा रहे हैं तो आप यहां का माल रोड, नैना देवी मंदिर और नैना झील में की जाने वाली oating का भी आनंद ले सकते हैं। वोटिंग और अन्य तरह की एडवेंचर एक्टिविटीज भी यहां उपलब्ध है जिस का आनंद ले सकते हैं।
अगर आप यहां सर्दियों में आ रहे हैं तो आपको यहां बर्फबारी भी देखने को मिल जाए सर्दियों में Nanital की सुंदरता और भी बढ़ जाती है और लोग बर्फ का लुफ्त उठाने भी Nanital की ओर रुख करते हैं, ज्यादातर सैलानी यहां अपनी प्राइवेट गाड़ी से आते हैं परंतु यहां बस और प्राइवेट टैक्सी की भी सुविधा आपको मिल जाएगी।
Mukteshwar (मुक्तेश्वर)
Mukteshwar भी Uttarakhand के कुमाऊं मंडल के अंतर्गत आता है और यह एक छोटा सा खूबसूरत हिल स्टेशन है। Mukteshwar की Nanital से दूरी लगभग 50 किलोमीटर है।
Nanital से Mukteshwar जाने वाला रस्ता उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत रास्तों में से एक है। रास्ते में आपको उत्तराखंड के फलों के बागान दिखते है जहां आप आडू , खुमानी , सेब व अन्य पेड़ देखने को मिल जाएंगे। यहां बहुत बड़ा बाजार तो नहीं है परंतु यहां की सुंदरता देखने लायक है क्योंकि यहां से उत्तराखंड की हिमालय पर्वत की बहुत खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं।
Mukteshwar में चौली की जली है जहां से आप Sunset का नजारा देख सकते हैं। चौली का अर्थ है चट्टान और जाली का अर्थ है छेद। ऐसा माना जाता है कि यहां देवी और राक्षस के बीच युद्ध हुआ था। ये एक पहाड़ की चोटी है जिसकी सबसे ऊपर वाली चट्टान पर एक गोल छेद है। और ऐसी मान्यता है कि अगर कोई निसंतान स्त्री इस गोल क्षेत्र से निकल गई तो उसे संतान की प्राप्ति होती है। यह Mukteshwar मंदिर से 250 मीटर की दूरी पर स्थित है। Mukteshwar, Uttarakhand में से नंदा देवी त्रिशूल पर्वत और हिमालय पर्वतों की चोटिया दिखाई देती हैं।
यहां Mukteshwar धाम नाम का एक प्राचीन शिव मंदिर भी स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। इस मंदिर के नाम पर ही इस शहर का नाम मुक्तेश्वर पड़ा। अगर आपको शांति पसंद है और आप कुछ समय अकेले अपने साथ बिताना चाहते हैं तो Mukteshwar बहुत ही सुंदर जगह है।
Ranikhet (रानीखेत)
Ranikhet एक कंटेनमेंट जोन है परंतु यहां की सुंदरता टूरिस्ट को अपनी ओर आकर्षित कर ही लेती है। यह भी Uttarakhand के कुमाऊं मंडल के अंतर्गत आता है। Ranikhet में भी वैसे तो बहुत सी घूमने की जगह है और यहां का गोल्फ ग्राउंड एशिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्फ ग्राउंड है। यहां पूरे देश भर से लोग घूमने आते हैं।
यहां थोड़ी देर घूमना और गोल्फ ग्राउंड पर बैठना अपने आप में ही एक बहुत अच्छा अनुभव देता है। रानीखेत के आसपास भी ऐसी बहुत सी जगह है जहां आप घूम सकते हैं जैसे रानी झील , चौबटिया गार्डन झूला देवी मंदिर और अन्य स्थान है। Ranikhet आने के बाद आपको एक खूबसूरत शांति का एहसास होता है और इसके अलावा यहां आप ट्रेकिंग का भी लुफ्त उठा सकते हैं Ranikhet के चारों तरफ पहाड़ पर हरियाली है जिससे आपका मन अपने आप खुश होने लगेगा।
अगर आप Ranikhet, Uttarakhand में रानी झील जा रहे हैं तो उसके ठीक बगल में ही एडवेंचर पार्क भी स्थित है जिसमें आप कई प्रकार की एडवेंचर एक्टिविटीज कर सकते हैं जैसे पैराग्लाइडिंग, वाटर बॉल, फ्लाइंग फॉक्स आदि जैसी एक्टिविटीज का आनंद उठा सकते हैं।
Kausani (कौसानी)
Kausani, Uttarakhand राज्य के बागेश्वर जिले में स्थित खूबसूरत हिल स्टेशन और एक छोटा सा गांव है। जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता व ऊंचे ऊंचे देवदार वृक्षों के जंगल हिमालय के सुंदर नजारे के लिए जाना जाता है।
Uttarakhand के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है यहां से त्रिशूल पर्वत नंदा देवी पर्वत पंचाचुली जैसे हिमालय पर्वत के शानदार दर्शन होते हैं। यह प्राकृतिक प्रेमियों के लिए अच्छी जगह है यहां आप 350 किलोमीटर फले हिमालय पर्वत की बर्फ से ढकी हुई चोटिया का नजारा देख सकते हैं।
पुराने समय में Kausani को बलना नाम से जाना जाता था। यह अल्मोड़ा से लगभग 53 किलोमीटर और काठगोदाम से 65 किलोमीटर दूर है। देखने जा सकते हैंकौसानी में आप रुद्रधारी वॉटरफॉल, यहां की गुफाएं, बैजनाथ मंदिर , सुमित्रानंदन पंत संग्रहालय और चाय बागान जैसे बहुत ही खूबसूरत जगहों को घूमने जा सकते हैं।
महात्मा गांधी जब कौसानी आए थे तो उन्होंने इसे स्विजरलैंड का दर्जा दिया था। अभी से कौसानी भारत का स्विजरलैंड कहलाता है। यहां कोच्चि और गोमती नदी के बीच बसा हुआ है।
Munsiyari (मुनस्यारी)
Munsiyari पिथौरागढ़ जिले में स्थित खूबसूरत पर्यटक स्थल है जो कि पाठकों को हमेशा आकर्षित करता है। Munsiyari भारत, तिब्बत और नेपाल की सीमा से लगा हुआ शहर है, जो कि चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है।
Munsiyari इतनी सुंदर जगह है उत्तराखंड के मिनी कश्मीर के नाम से भी जाना जाता है जो कि पिथौरागढ़ जिले में सबसे तेजी से बढ़ते पर्यटक स्थलों में से एक है Munsiyari अपनी कुदरती प्राकृतिक सुंदरता के कारण बहुत लोकप्रिय बन चुका है।
Munsiyari, Uttarakhand में विश्व प्रसिद्ध पंचचूली पर्वत (हिमालय की पांच चोटियां) स्थित है। जिसे पांडवों के स्वर्गारोहण का प्रतीक माना जाता है। इसके बाई तरफ नंदा देवी पर्वत और त्रिशूल पर्वत व दाई तरफ डानाधार स्थित है।
प्रकृति प्रेमियों के लिए Munsiyari एक आदर्श स्थान के रूप में स्थित है। पर्यटक यहाँ पिकनिक मनाने आते है और साथ-साथ ट्रेकिंग करने आते हैं।
Mussoorie (मसूरी)
Mussoorie, उत्तराखंड प्रमुख हिल स्टेशन है जहां हमेशा ही टूरिस्ट की भीड़ रहती है देहरादून से 33 किलोमीटर दूर Mussoorie बसा हुआ है। Mussoorie का माल रोड , केंपटी फॉल, दलाई हिल्स, कंपनी गार्डन, जॉर्ज एवरेज बहुत सारी जगह है जहां आप घूमने जा सकते हैं यह उत्तराखंड का एकमात्र ऐसा हिल स्टेशन है जहां पूरे साल भर सैलानियों की भीड़ लगी रहती है यहां का माल रोड उत्तराखंड के सभी हिल स्टेशनों में से सबसे बड़ा माल रोड है।
यहां आप रोपवे को भी इंजॉय कर सकते हैं, Mussoorie में आपको उत्तराखंड व्यंजनों के कई सारे रेस्टोरेंट्स देखने को मिल जाएंगे जहां जाकर आप उत्तराखंडी व्यंजनों का लुफ्त उठा सकते हैं। अगर आप देहरादून घूमने आ रहे हैं तो Mussoorie जाना ना भूले। Mussoorie अपनी हरी पहाड़ियों के लिए भी प्रसिद्ध है।
Mussoorie “गंगोत्री” और “यमुनोत्री” मंदिरों के लिए एक Gateway भी है। अगर आप Mussoorie घूमने जा रहे हैं तो धनोल्टी जाना ना भूलें। धनोल्टी Mussoorie से करीब 35 किलोमीटर दूर है य हां का तापमान Mussoorie की तुलना से काफी कम रहता है यहां आप पूरे साल भर किसी भी समय आ सकते हैं और अगर आप यहां सर्दियों में जा रहे हैं तो आपको बर्फबारी देखने को मिल जाएगी धनोल्टी में एक इको पार्क है जिसे देखने के लिए सैलानी बड़ी दूर दूर से आया करते हैं।
धनोल्टी से कुछ ही दूर सरकुंडा माता का मंदिर भी है। इस मंदिर की बड़ी मान्यताएं हैं। आप चाहे तो धनोल्टी और Mussoorie दोनों एक साथ ही घूमने आ सकते हैं।
Auli (औली)
Auli, Uttarakhand के गढ़वाल क्षेत्र चमोली जिले में बद्रीनाथ रोड पर जोशीमठ से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बहुत ऊंचाई पर होने के कारण यहां सर्दियों में बहुत अधिक बर्फ पड़ती है। अली को इंडिया के नंबर वन स्कीइंग पॉइंट के नाम से जाना जाता है यहां बहुत ही बड़े पैमाने पर स्कीइंग की जाती है।
यहां आप स्कीइंग कर भी सकते हैं और अगर आप स्कीइंग सीखना चाहते हैं तो आप कुछ महीने यहीं रुक कर स्कीइंग सीख सकते हैं। यहां आपको स्कीइंग से जुड़ा सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा। रोपवे के रास्ते भी आप ओन्ली घूमने जा सकते हैं। सर्दियों में यह भीड़ बहुत अधिक बढ़ जाती है।
Auli में सबसे खूबसूरत आकर्षण केंद्र ऑल इज वेल (All Is Well) है जो की समुद्र तल से 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील दिसंबर या जनवरी के महीने में पूरी तरीके से जमीन होती है और अगर आप यहां मार्च के महीने में जाएंगे तो वहां आपको पाने देखने को मिल जाएगा।
इन सभी के अलावा आप होली में कई प्रकार की एडवेंचर एक्टिविटीज भी कर सकते हैं जैसे स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग, स्नो ट्यूब राइडिंग आदि Auli जाने के लिए आप हरिद्वार या देहरादून से प्राइवेट टैक्सी में जा सकते हैं।
Chopta (चोपता)
यह स्टेशन प्राकृतिक रूप से सुंदर एवं शांत है। यह जगत ट्रैकिंग और कैंपिंग के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। यह उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के रुद्रप्रयाग जिले मैं तुंगनाथ मैं स्थित एक पर्वत है। यह गोपेश्वर से लगभग 40 किलोमीटर दूर व 2900 मीटर की ऊंचाई पर है। इससे गढ़वाल क्षेत्र में सबसे खूबसूरत स्थान माना जाता है।
यहां स्थित तुंगनाथ पर्वत पर तुंगनाथ मंदिर स्थित है जिसकी ऊंचाई 3460 मीटर है और यह मंदिर पंच केदारओं में से सबसे ऊंचाई पर स्थित है।
यह मंदिर पंच केदारओं में से एक है और ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण पांडवों द्वारा किया गया था जनवरी और फरवरी के महीने में यहां सबसे अधिक बर्फबारी होती है जिससे इस स्थान की सुंदरता और अधिक बढ़ जाती है यहां पहुंचने के लिए आपको पहले गोपेश्वर पहुंचना होगा फिर उसके बाद आपको पैदल यात्रा करनी होगी।
Chopta में आपको कस्तूरी मृग और अन्य हिमालय जीव भी देखने को मिल जाएंगे। कुछ पौराणिक कथा के अनुसार रावण का वध करने के बाद भगवान श्रीराम ने यही जाकर तपस्या की थी।
Lansdowne (लैंसडाउन)
Lansdowne उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित है। यह दिल्ली से काफी पास है जिस कारण यहां बहुत ही भीड़ रहती है। यहां आपको हिमालय की चोटियां , झीलें आदि देखने को मिल जाएगी। यहां का मौसम साल भर सुहावना ही रहता है इसी कारण आप यहां किसी भी मौसम में आ सकते हैं।
इसकी ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 1706 मीटर है यहां आपको हर तरफ हरियाली देखने को मिल जाएगी। अंग्रेजों द्वारा इस स्थान को गढ़वाल राइफल परीक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया गया था आज भी यहां भारतीय सेना गढ़वाल राइफल ऑफिस स्थित है नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार है और कोटद्वार से Lansdowne 40 किलोमीटर दूर है जहां आप बस से भी जा सकते हैं।
अगर आप दिल्ली से आ रहे हैं तो आपको यहां पहुंचने के लिए महज 6 से 7 घंटे लगते हैं लैंसडाउन मैं आप घूमने के लिए भुल्ला ताल भीम पकौड़ा , कालेश्वर महादेव मंदिर दरबान सिंह म्यूजियम , टिफिन टॉप , और जंगल सफारी जैसी जगह जा सकते हैं।
Final verdict
हमने यहां पर आपको Top 10 Hill Stations In Uttarakhand के बारे में बताया है और आपको best Hill Stations Uttarakhand की जानकारी दी है।
सबसे पहले आपको यही ध्यान रखना है कि आप जब भी उत्तराखंड आ रहे हैं तो बरसात के मौसम में इन जगहों पर जाने से बचें और बाकी किसी भी मौसम में काम इन हिल स्टेशन पर अपनी वेकेशंस का आनंद ले सकते हैं।
इन सभी जगहों में आप साल में किसी भी वक्त आ सकते हैं लेकिन बरसात के मौसम में आपको कुछ मौसम संबंधी परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं।
आप जब भी उत्तराखंड आएं हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आप यहां कचरा ना फैलाएं और सफाई का विशेष ध्यान रखें।