GHEE SANKRANTI, Uttarakhand का एक लोक त्यौहार है, यह त्यौहार ऋतु पर आधारित है। हरेला जहां बीजों को बोने और वर्षा ऋतु के आने की खुशी पर मनाया जाता है, वहीं घी संक्रांति फसलों में बालियों के लग जाने पर मनाए जाने वाला त्यौहार है।
Uttarakhand में हिंदी मास के एक गते को लोक पर्व के रूप में मनाने की परंपरा है। Uttarakhand में यूं तो प्रत्येक महीने की संक्रांति को कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है। भाद्रपद महीने की संक्रांति जिसे सिंह संक्रांति भी कहते हैं। इस दिन सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करता है, और इसलिए इसे सिंह संक्रांति भी कहते हैं।
Uttarakhand में भाद्रपद संक्रांति को ही घी संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। यह खेती-बाड़ी और पशुपालन से जुड़ा हुआ एक ऐसा पर्व है, जो बरसात के मौसम उगाई जाने वाली फसलों में बालियों के लग जाने पर मनाए जाने वाला त्यौहार है। Uttarakhand में यह त्यौहार किसानों के लिए बहुत महत्व रखता है।
Uttarakhand में कुमाउँनी और गढ़वाली सभ्यता के लोग घी को खाना शुभ मानते हैं। Uttarakhand में यह मान्यता है, कि इस दिन घी का सेवन अवश्य करना चाहिए।
छोटे बच्चे और बड़ों के सर में और पांव के तलवों में भी घी लगाया जाता है। घी संक्रांति पर एक तरह का खास व्यंजन बेडू की रोटी जिसे हिंदी में उड़द की दाल की भरवा रोटी भी कहते हैं, बनाई जाती है और अरबी की कोमल पत्तों की सब्जी यानी गाबे की सब्जी बनाने की परंपरा है।
छोटे बच्चे और बड़ों के सर में और पांव के तलवों में भी घी लगाया जाता है। यह भी मान्यता है कि इस पर्व के दिन अगर हम लोग का सेवन नहीं करेंगे तो तो अगले जन्म में गनेल यानी घोंघा के रूप में जन्म लेना पड़ेगा। इस समय वर्षा का मौसम होता है और पूरे पहाड़ हरे भरे होते हैं जो बहुत ही सुंदर दिखाई देते हैं।
GHEE SANKRANTI (घ्यू संक्रांत) पर्व भादो मास की प्रथम तिथि को मनाया जाता है। इस बार की संक्रांति 17 अगस्त 2023 को गुरुवार के दिन को मनाई जाएगी। इस त्यौहार में पूर्व में बोई गई सब्जियां में बालियां आ जाती हैं। फसलों में लगी बालियों को किसान अपने घर के मुख्य दरवाजे पर या दोनों और गोबर के उपले से चिपकाते हैं।
घी संक्रांति सिर्फ त्यौहार नहीं है, इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। सूर्य देव जिनको ऊर्जा, जीवन, और शक्ति के देवता के रूप में पूजा जाता है। इस दिन, लोग सूर्य की जीवनदायी ऊर्जा के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं और भरपूर फसल और समृद्ध जीवन के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।
Final Verdict
GHEE SANKRANTI एक हिंदू त्यौहार है, जो पारंपरिक भारतीय घी, घी का सम्मान करता है। यह पर्व है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर संक्रमण और आने वाले दिनों में समृद्धि और प्रचुरता का प्रतीक है।
घी संक्रांति की वाले दिन घी से बने व्यंजन, पकवान आदि खाते हैं तथा जी को अपने सर में और पांव के तलवों पर घी लगाया जाता है। इस दिन घी खाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
कुछ पंक्तियां जो पहाड़ी भाषा में घ्यू संक्रांत के दिन बोली जाती है
सबूके मुबारक हो घी त्यार
बेडूवा रोटी गाबाक साग
घी लगे खाया सबूके संग
घी नि खाला बनला गनेल
और प्रोटीन सब छू इमे
जी रया, जागि रया,
यो दिन, यो महैंण कैं नित-नित भ्यटनै रया।।
What is Ghee Sankranti?
GHEE SANKRANTI, Uttarakhand का एक लोक त्यौहार है, यह त्यौहार ऋतु पर आधारित है। हरेला जहां बीजों को बोने और वर्षा ऋतु के आने की खुशी पर मनाया जाता है, वहीं घी संक्रांति फसलों में बालियों के लग जाने पर मनाए जाने वाला त्यौहार है।
How is Ghee Sankranti celebrated?
Uttarakhand में कुमाउँनी और गढ़वाली सभ्यता के लोग घी को खाना शुभ मानते हैं। Uttarakhand में यह मान्यता है, कि इस दिन घी का सेवन अवश्य करना चाहिए।
छोटे बच्चे और बड़ों के सर में और पांव के तलवों में भी घी लगाया जाता है। घी संक्रांति पर एक तरह का खास व्यंजन बेडू की रोटी जिसे हिंदी में उड़द की दाल की भरवा रोटी भी कहते हैं, बनाई जाती है और अरबी की कोमल पत्तों की सब्जी यानी गाबे की सब्जी बनाने की परंपरा है।
Is Ghee Sankranti a public holiday?
No, Ghee Sankranti के पर्व पर कोई भी public holiday नहीं होता है।
2023 में GHEE SANKRANTI कब मनाई जा रही है?
GHEE SANKRANTI (घ्यू संक्रांत) पर्व भादो मास की प्रथम तिथि को मनाया जाता है। इस बार की संक्रांति 17 अगस्त 2023 को गुरुवार के दिन को मनाई जाएगी।