चलिए जानते  है Uttarakhand के  स्वदिस्ट खाना के बारे में➡️ 

यह मडुवे (Ragi) को पीसकर उसके आटे से बनने वाली रोटियां होती है जिससे घी व पीसे हुए नमक के साथ खाया जाता है। 

मंडुआ की रोटी

इसे कई छेत्र में डुबुक के नाम से भी जाना जाता हैं। 

भट्टवाणी

उत्तराखंड में मिलने वाली बिच्छू घास से यह व्यंजन बनाया जाता है। 

कापला या कापली

गहत की दाल को उबालकर उसे पीसा जाता है और फिर इस पिसे हुए से गतवाणी बनाया जाता है। 

गातवाणी या फाणु का साग

यहां बेसन का प्रयोग ना करके भीगे हुए चावलों को सिलबट्टे में पीसकर दही या छाछ के साथ मिलाकर के झोली बनाई जाती है। 

झोली अर्थात कड़ी