उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खुलने की तिथि निर्धारित होने के बाद बाबा तुंगनाथ और मद्महेश्वर महादेव के कपाट खोलने की तिथि भी निर्धारित हो गई है। बाबा तुंगनाथ उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित जिसे तृतीय केदार बाबा के नाम से भी जाता है। यह मंदिर सबसे ऊँचे शिव मंदिरों में से एक है। मदमहेश्वर महादेव में तिथि निर्धारित करने के लिए सबसे पहले ओंकारेश्वर में पूजा अर्चना की जाती है। जिसके बाद पंचांग गणना के आधार पर द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट खुलने की तारिक़ और सुख समय निर्धारित किया जाता है ।
Tungnath Temple Opening Date, 2025
इस वर्ष 2 मई को विश्व के सबसे ऊँचे शिव मंदिर और उत्तराखण्ड के तृतीय केदार मंदिर श्री तुंगनाथ जी के कपाट खुल चुके हैं, जिसका शुभ समय सुबह के 10:15 था। Tungnath Temple Uttarakhand दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर है जो 3680 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यह भगवान शिव का प्राचीन निवासस्थान भी हैं।
यहाँ भगवान शिव की भुजा की पूजा की जाती है। तुंगनाथ बाबा के शीतकालीन निवास मर्करेटेश्वर मंदिर, मक्कूमठ में आयोजित समारोह के दौरान आचार्य विजय भारत मैठाणी ने Tungnath Mahadev Opening Date 2025 की घोषणा की। तुंगनाथ जी की डोली 30 अप्रैल को मार्कण्डेय मंदिर से भूतनाथ मंदिर पहुँची, जहां रात्रि विश्राम के बाद डोली 1 मई को चोपता के लिए किया। इसके पश्चात शुक्रवार, 2 मई की सुबह चोपता से श्री तुंगनाथ मंदिर पहुँची।
यह उत्तराखण्ड के Panch Kedar Yatra 2025 में से एक है। माना जाता है कि भगवान शिव का यह मंदिर 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है। यह तुंगनाथ मंदिर जिसका निर्माण पांडवों ने किया था। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव के की एक काले संगमरमर की मूर्ति है जो दिव्य शांति थी आभा बिखेरती है।
Madmaheshwar Opening Date 2025
इस वर्ष मद्महेश्वर महादेव के कपाट खुलने की तिथि 21 मई, 2025 बुधवार के दिन को निर्धारित की गई है आने वाली 18 मई को मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ऊखीमठ ओंकारेश्वर मंदिर में विश्राम करेगी जिसके बाद 19 मई को मदमहेश्वर भगवान की उत्सव डोली ओंकारेश्वर मन्दिर से रांसी गाँव पहुँचेगी। अगले दिन 21 मई को रांसी गाँव से गोंडार गाँव पहुँचेगी और फिर 21 मई को सुबह मदमहेश्वर महादेव मंदिर पहुंच जाएगी।
मद्महेश्वर महादेव मंदिर, जो रुद्रप्रयाग ज़िले के रांसी गाँव से लगभग 16 किलोमीटर की पैदल दूरी पर स्थित है, के कपाट इस वर्ष 21 मई 2025 को विधिपूर्वक खोले जाएंगे।
- 19 मई: महादेव की चल विग्रह उत्सव डोली ऊखीमठ से रांसी गाँव पहुँचेगी।
- 20 मई: डोली गोंडार गाँव पहुँचेगी।
- 21 मई: प्रातः मद्महेश्वर मंदिर परिसर में डोली का स्वागत कर कपाट खोले जाएंगे।
यह परंपरा सदियों पुरानी है और कपाट खुलने के बाद मंदिर में विधिवत रुद्राभिषेक, पंचामृत स्नान व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा की जाती है।
महत्वपूर्ण जानकारी:
बाबा तुंगनाथ और मद्महेश्वर महादेव का यह मंदिर उत्तराखंड के पंच केदारों में शामिल हैं, जिसमें मद्महेश्वर को दूसरा तथा बाबा तुंगनाथ को तीसरा केदार के रूप में पूजा जाता हैं।
Madmaheshwar Mahadev का यह मंदिर केवल गर्मियों के महीनों में ही खुला रहता है; शीतकाल में भगवान Madmaheshwar की पूजा ऊखीमठ में होती है।
बाबा तुंगनाथ और मद्महेश्वर महादेव धाम की यह यात्रा सुख और शांति और आस्था से भरपूर्व है आपको यहाँ आकर भगवान शिव के होने का साक्षात् अनुभव होगा