KAUSHANI भारत के उत्तराखंड राज्य (कुमाऊं मंडल) के बागेश्वर जिले में स्थित एक बहुत ही सुंदर गांव है। भारत का खूबसूरत हिल स्टेशन कौसानी अल्मोड़ा जिले से केवल 53 किलोमीटर की दूरी पर है।
जहां से आप बर्फ से ढके हिमालय की खूबसूरत चोटियों के दर्शन कर सकते हैं। जिसमें नंदा देवी पर्वत, पंचाचुली पर्वत यहां तक कि त्रिशूल पर्वत के भी बेहद भव्य सुंदर नजारे देख सकते हैं।
भारत का स्विट्जरलैंड
हिमालय की खूबसूरती का दर्शन कराता कौसानी पिंगनाथ चोटी पर बसा हुआ है। कोसी और गोमती नदी के बीच बसा कौसानी भारत का स्विट्जरलैंड कहलाता है। यहां के प्राकृतिक नजारे आने वाले सभी यात्रियों का मन मोह लेते हैं।
यहां पर अनेक धार्मिक स्थल खेल व प्राकृतिक नजारे टूरिस्ट को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। कौसानी गांव उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटक स्थल में यहां से हिमालय की बर्फ से ढकी पहाड़ का सुंदर नजारा दिखाई देता है।
इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता को देखते हुए महात्मा गांधी जी ने इसको भारत का स्विट्जरलैंड की उपाधि दी थी।
HISTORY OF KAUSHANI
पुराने समय में कौसानी को वालना के नाम से जाना जाता था। यह गांव उस समय बहुत ही प्रसिद्ध हो गया था। जब गांधीजी 1931 में यहां पर अनासक्ति आश्रम में अपने काम को पूरा करने के लिए रुके थे। और उन्होंने यहां पर अपने यादगार टिप्पणी अनाशक्ति योग टिका लिखी थी।
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जब गांधीजी कुमाऊं के अल्मोड़ा टाकुला तारीखेत की यात्रा पर थे। तो कौसानी जाते समय चनौदा के एक चाय बागान के मालिक के अतिथि गृह में 2 दिन के लिए रुक गए थे। सुबह सुबह जब गांधीजी इस अतिथि गृह से बाहर आए तो सामने हिमालय के दर्शन पाकर मंत्रमुग्ध हो गए।
वह इस जगह के वातावरण और खूबसूरती से इतना प्रभावित हुए कि वह 2 दिन के बजाय पूरे 14 दिन तक वहाँ रुक गए थे। गांधी जी ने ही कौसानी की तुलना स्विजरलैंड से की थी।
BEST TIME TO VISIT KAUSHANI
KAUSHANI दिल्ली से मात्र 427 किलोमीटर की दूरी पर है। वही नैनीताल की बात करें तो यह 116 किलोमीटर की दूरी पर है। और अल्मोड़ा से केवल 53 किलोमीटर की ही दूर है।
गर्मियों की बात करें तो मार्च से लेकर जून तक का महीना कभी भी चले जाएं। बहुत ही खूबसूरत व्यू देखने को मिलता है। इस समय चारों तरफ हरियाली देखने को मिलती है ,और यदि जुलाई और अगस्त की बात करें तो इस समय बरसात का महीना होता है बारिश थोड़ी ज्यादा होती है। तो इस महीने को अवॉइड कर सकते हैं।
इसके अलावा सितंबर से नवंबर का महीना भी यहां घूमने के लिए बहुत अच्छा होता है इस समय भी आपको बहुत ही अच्छी हरियाली देखने को मिलती है।
यदि बर्फ देखनी है या बर्फ का मजा लेना हो तो दिसंबर से फरवरी के महीने में यहां पर जा सकते हैं। वैसे तो पूरे साल पर्यटक यहां पर आते रहते हैं। कौसानी अपनी हरियाली और देवदार के ऊंचे ऊंचे पेड़ वह हिमालय का विहंगम दृश्य और सनराइज व सनसेट के लिए प्रसिद्ध है।
कौसानी एक बहुत बड़ा शहर नहीं है। यह बागेश्वर जिला का एक छोटा सा गांव हिल स्टेशन है। लेकिन अपनी खूबसूरती की वजह से यह बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। हर साल यहां पर हजारों टूरिस्ट घूमने आते हैं।
KAUSHANI में आप कहीं भी होटल ले सकते हैं। यहां पर 400 से 2000 तक के रूम आसानी से मिल जाते हैं। यहां पर ट्रैवल एजेंट भी मिल जाएंगे जो आपको कुछ पोर्टल के लिस्ट भी देंगे। इसमें आपको मदद मिलेगी।
कौसानी में घूमने की जगह-
1) अनासक्ति आश्रम –
वैसे तो कौसानी में घूमने की बहुत सारी जगह है। उनमें से एक अनासक्ति आश्रम है। जिसे गांधी आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। यह मुख्य बस स्टेशन से 800 मीटर की दूरी पर है। जहां पर पैदल चलकर ही वहां पहुंचा जा सकता है। अनासक्ति आश्रम से हिमालय पर्वत के बहुत ही सुंदर नजारे देख सकते हैं।
2) रुद्रधारी वाटरफॉल एवं गुफाएं –
यह KAUSHANI से अल्मोड़ा जाने वाली रोड पर है। जो कौसानी से मात्र 9 या 10 किलोमीटर की दूरी पर है। कंटालिया गांव तक बस या टैक्सी में आ सकते हैं। घंटाली विलेज से 2 किलोमीटर का पैदल ट्रैक करना होगा जो घने और बेहद ही खूबसूरत जंगलों से होकर जाता है। यहां पर गाइड भी मिल जाते हैं ,जो ट्रैकिंग के दौरान यहां की खूबसूरती के बारे में बताते रहते हैं।
यहां पर बहुत सारी गुफाएं भी देखने को मिलती हैं। इसके अलावा कौसानी आने पर कुछ एडवेंचर एक्टिविटीज भी कर सकते हैं। जिनमें जिपलाइन ,बर्मा ब्रिज, रॉक क्लाइंबिंग और बहुत सी अलग-अलग एक्टिविटीज कौसानी में होती हैं।
3) ग्वालदम –
ग्वालदम उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं के बीच बसा एक सुंदर सा गांव है। यह एक ऐसा स्थान है जो जंगलों और छोटी-छोटी जिलों से भरा हुआ एक स्वर्ग है। जो प्रदूषित नहीं बल्कि एक आदर्श क्षेत्र है। यहां देवदार के ऊंचे ऊंचे पर्वत,सेब के बागान भी हैं।
4) पिन नाथ विलेज ट्रैक-
कौसानी का पिन नाथ विलेज ट्रैक बेहद ही ज्यादा फेमस है। यह 5 किलोमीटर की पैदल दुरी पर एक बहुत ही ज्यादा खूबसूरत जगह है। जो घने जंगलों से होकर गुजरता है। इसके अलावा कौसानी के शॉल फैक्ट्री में भी घूमने जा सकते हैं।
यह एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है, यहां पर गर्म शॉल खरीद सकते हैं। सुबह-सुबह कौसानी से नंदा देवी पीक से सनराइज व्यू का आनंद ले सकते हैं जो बहुत ही सुंदर दिखाई देता है।
5) चाय का बागान-
कौसानी अपने चाय के बागानों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। यहां की चाय भारत में ही नहीं बल्कि देश-विदेश तक प्रसिद्ध है। इन चाय के बागानों की खास बात यह है कि यहां से भी हिमालय पर्वत के बहुत ही सुंदर दृश्य देखने को मिलते हैं। यहां से आप चाय खरीद भी सकते हैं। और चाय की चुस्की का मजा भी ले सकते हैं।
6) बैजनाथ मंदिर-
बैजनाथ मंदिर कौसानी से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जो कौसानी के प्रमुख दार्शनिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर कभी कत्यूरो की राजधानी के रूप में कार्य करता था। बैजनाथ मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह यहां गुर नदी वह गोमती नदी के संगम पर हुआ था।
7) सुमित्रानंदन पंत संग्रहालय-
कौसानी सुमित्रानंदन पंत जी की जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों है। यह संग्रहालय उनकी रचनात्मक कार्यों की एक विस्तृत श्रृंखला को प्रस्तुत करता है। यहां पर हिंदी और अंग्रेजी में उनकी पुस्तकों का एक बड़ा संग्रह कांच की बनी अलमारियों में रखा गया है। हर साल उनकी जयंती में संग्रहालय पर उनकी काव्य चर्चा का आयोजन किया जाता है। जिनमें देशभर के कई प्रमुख कवियों द्वारा इसका दौरा भी किया जाता है।
CONCLUSION
KAUSHANI भारत के उत्तराखंड राज्य (कुमाऊं मंडल) के बागेश्वर जिले में स्थित एक बहुत ही सुंदर गांव है। गांव अपने आप में ही एक बेहद खूबसूरत गांव है जो एक छोटे से क्षेत्रफल में बसा हुआ है लेकिन उसके आसपास जो घूमने की जगह है वह अपने आप में एक अलग ही अनुभव देती है अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए क्षेत्र बहुत ही फेमस हो चुका है इसलिए एक बार कौसानी घूमने जरूर जरूर जाए।